मामले की जांच कर रही पुलिस रिपोर्टों के अनुसार संदेह है कि मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम द्वारा रैकेट में अब तक 1,000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तित किया जा चूका है।
आतंकवाद विरोधी दस्ते के अनुसार, दोनों ने गरीब परिवारों, बेरोजगार युवाओं और विकलांग लोगों को निशाना बनाया, खासकर जो सुनने और बोलने में अक्षम बच्चों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करते थे। इन्हें दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे हर साल करीब 250-300 लोगों का धर्म परिवर्तन करते थे। वे ऐसे लोगों से मिले जो आर्थिक रूप से कमजोर थे जिनमें महिलाएं, बच्चे और विकलांग शामिल थे। उन्होंने कहा कि नोएडा के एक मूक-बधिर स्कूल में लगभग 1,500 बच्चों ने इस्लाम धर्म ग्रहण किया, साथ ही राज्य भर में ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं।
An Islamic conversion racket in India.
Meet the mullahs who targetted Deaf and Mute Children for conversion to Islam. https://t.co/RSIFfZxoqW
— Tarek Fatah (@TarekFatah) June 22, 2021
पुलिस ने कहा कि लोगों को पैसे और वित्तीय स्थिरता के लिए धर्म परिवर्तन का लालच दिया जाता था। उन्होंने कहा कि कई महिलाओं को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया और उनकी शादी कर दी गई।
आरोपी ‘इस्लामिक दावा सेंटर’ नाम से एक सेंटर चलाते थे, जिसे दुनिया भर से फंडिंग मिलती थी।
पुलिस उन लोगों को भी ट्रैक कर रही है जो इस रैकेट में फंस गए थे और जांच कर रही है की उन्होंने लोगों को कैसे प्रभावित किया।
Explosive finding by Uttar Pradesh’s anti-terrorism squad (ATS): Poor girls from weak communities targeted and trapped using Muslim boys for conversion to Islam. Racket run from Delhi’s Jamia Nagar. Even physical challenged children targeted pic.twitter.com/K8H8ntQYVt
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) June 21, 2021
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि एटीएस खुफिया सूचनाओं पर काम कर रही थी कि कुछ लोगों को आईएसआई और अन्य विदेशी एजेंसियों से गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने और समाज में सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाने के लिए धन मिल रहा था।
एटीएस जांच के परिणामस्वरूप दोनों की गिरफ्तारी हुई है और उन पर भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।
एडीजी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस मामले की आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी।
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