पंजाब पुलिस को पीएम के कार्यक्रम के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और काफिला पंजाब के डीजीपी द्वारा आवश्यक मंजूरी के बाद ही शुरू हुआ था।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) क्रांतिकारी ने कहा कि उन्होंने पंजाब में बुधवार को पीएम के काफिले को रोका। उन्होंने कहा है कि उन्हें फिरोजपुर एसएसपी ने बताया था कि पीएम जल्द ही उस विशेष सड़क पर आ रहे हैं।
#WATCH | SSP Ferozepur asked us to vacate the road saying that the prime minister was going to the rally venue by road. We thought he was bluffing: BKU (Krantikari) chief Surjit Singh Phool pic.twitter.com/5bxE8yzqyD
— The Times Of India (@timesofindia) January 6, 2022
इस बात की जानकारी बीकेयू (क्रांतिकारी) के नेता सुरजीत सिंह फूल ने एक वीडियो के जरिए दी है, जिसमें वह यह स्पष्ट करने का दावा करते हैं कि वास्तव में मौके पर क्या हुआ था।
सुरजीत सिंह ने अपने वीडियो में कहा है, ‘दरअसल हम जिस जगह पर खड़े थे वह फ्लाईओवर से करीब 750 मीटर से 1 किलोमीटर की दूरी पर था जहां जाम हुआ था। काफिला नीचे नहीं आ सका, बल्कि उसे वापस फ्लाईओवर पर ही रुकना पड़ा। करीब पंद्रह से बीस मिनट तक काफिला वहीं फंसा रहा। जल्द ही, लगभग 2500 की भीड़, जिसमें बीकेयू के कम से कम एक हजार सदस्य शामिल थे, वहां जमा हो गई।
The way BKU leaders jammed the Moga-Ferozepur road (yesterday, January 5) near PM Modi's rally… and made BJP leaders travel on patchy road, they deserve our appreciation. I thank all of them: BKU-Krantikari leader Surjeet Singh Phool pic.twitter.com/ppCP8xAmdB
— ANI (@ANI) January 6, 2022
तथाकथित प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा किसी सुनियोजित साजिश के आरोपों को खारिज करने के प्रयास में सुरजीत सिंह ने कहा कि वे अनिवार्य रूप से जिला कलेक्टर कार्यालय जा रहे थे। उन्होंने इस बारे में कुछ भी पता नहीं लगाया कि वे कार्यालय का दौरा करने के लिए क्यों तैयार थे। आगे उन्होंने कहा कि पुलिस ने ही उन्हें बीच में रोका और डीसी कार्यालय की ओर जाने से रोका, जिसके कारण उन्हें सड़कों पर जाम लगाना पड़ा। उन्होंने यह दिखावा कर मासूम की भूमिका निभाने की कोशिश की कि उनके पास सड़क जाम करने के अलावा कोई चारा नहीं है और आखिर में पीएम का काफिला उन लोगों में से एक था जो थोड़ा परेशान हो गए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कल कहा था कि पंजाब पुलिस द्वारा सुरक्षा में चूक एक बड़ी चूक है। पंजाब पुलिस को पीएम के कार्यक्रम के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और काफिला पंजाब के डीजीपी द्वारा आवश्यक मंजूरी के बाद ही शुरू हुआ था। यह राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह पीएम के काफिले के लिए एक स्पष्ट रास्ता उपलब्ध कराए और पंजाब पुलिस जाहिर तौर पर ऐसा करने में विफल रही।
जैसा कि कांग्रेस पार्टी के पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी विभिन्न विरोधाभासी बयानों में उलझे हुए हैं और पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की इस घटना के बाद खड़े हैं, कांग्रेस पार्टी की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं जो वर्तमान में राज्य पर शासन कर रही है।
If there were any security lapses during PM Modi's visit today, then we will conduct an inquiry. There was no danger to the prime minister: Punjab CM Charanjit Singh Channi pic.twitter.com/bQU6BJuipI
— ANI (@ANI) January 5, 2022
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पार्टी कार्यकर्ता भी सुरक्षा उल्लंघन का सोशल मीडिया पर जश्न मनाते हुए देखे गए।
Modi ji,
How's the Josh?#Punjab— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 5, 2022
पंजाब ने देश का दिल जीत लिया।
— MP Congress (@INCMP) January 5, 2022
कांग्रेस नेताओं को यह शेखी बघारते हुए भी देखा गया कि वे राज्य में पीएम के सार्वजनिक संबोधन को रोकने के लिए नियोजित विरोध और इरादों से अवगत थे।
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