अरुणाचल में तैनात, उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी मेजर पंकज पांडे ने दिखाई हिम्मत, 15 हजार फीट की ऊंचाई से गिरे दोस्त को बचाया, खुद हुए शहीद
उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी मेजर अपने साथी को बचाते हुए शहीद हो गए। वह अरुणाचल प्रदेश के तंबौला में तैनात थे। 15,000 फीट की ऊंचाई से गिरकर वह बुरी तरह घायल हो गए थे। गुरुवार देर रात गुवाहाटी के अस्पताल में उनकी मौत हो गई। मेजर के निधन की खबर मिलते ही उनके घर और जिले में मातम छा गया।
साथी जवान 15 हजार फीट की खाई में लटका हुआ था,जान की परवाह न करते हुए मेजर पंकज पाण्डेय उसे बचाने खुद उतर पड़े,साथी को बचा लिया,पर खुद शहीद हो गए,मां भारती की सेवा करते बलिदान हुए UP के इस शेर को बार बार प्रणाम,ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें,आप सदैव हम सबके हृदय में रहेंगे। pic.twitter.com/GziDDvF92x
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) July 25, 2021
पंकज रेजीमेंट बी सिख के अधिकारियों ने बताया कि 19 जुलाई की सुबह करीब 15,000 फीट की ऊंचाई पर ड्यूटी के दौरान एक साथी खाई में गिर रहा था, जिसे पंकज ने बचाने की कोशिश की। इस दौरान पंकज टिक नहीं पाए और उसके साथ ही नीचे खाई में गिर गए। काफी मशक्कत के बाद दोनों को बचा लिया गया। पंकज के सिर से लेकर गर्दन तक गंभीर चोटें आई हैं। दोनों को गुवाहाटी के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पंकज की पांच साल पहले कंचन से शादी हुई थी। उनकी डेढ़ साल की बेटी अरु है। सूचना के बाद पत्नी की हालत खराब है। शहादत की खबर मिलने के बाद वह परिवार के साथ गुवाहाटी भी रवाना हो गईं।
डेढ़ वर्षीय बेटी ने दी अपने जांबाज पिता को श्रद्धांजलि
पंकज के पार्थिव शरीर को शनिवार सुबह मुख्य इकाई असम लेखपानी में सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पंकज के पिता अवधेश, पत्नी कंचन और डेढ़ साल की बेटी अरु भी वहां मौजूद थे। अंतिम संस्कार के वक्त शहीद पंकज की बेटी अपने नन्हें पैरों पर चलकर पिता के शव के पास पहुंची और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की तो वहां मौजूद लोगों के आंसू छलक पड़े। डेढ़ साल की अरु अपने पिता के शव के साथ तब तक खड़ी रही जब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं हो गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए मेजर पंकज कुमार पाण्डेय के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की और साथ ही शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की भी घोषणा की है।
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